What could be the motive of Ajit Pawar to express regret over Baramati before Rakhi?;अजित पवार का राखी से पहले बारामती पर अफसोस जताने का क्या हो सकता है मकसद?
अजीत पवार ने स्वीकारा हे की लोकसभा सीट पर बहन के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को इलेक्शन लड़ाने का फेसला किया था जो गलत साबित हूवा था राखी से पहले बैन के लिए राजनीतिक प्यार दिखाना इमोशनल अत्याचार लगता है।
Ajit pawar latest news: इमोशनल अत्याचार के बीच अजित पवार। आत्म मंथन के दौर से गुजर रहे हैं। एक हफ्ते से ए बात चर्चा का विषय बनी हुई हैं इसलिए अमित पंवार अफसोस जताते फिर रहे हैं।सबसे बड़ा अफसोस तो पत्नी सुनेत्रा पवार को अपनी बहन के खिलाफ लोक सभा चुनाव लड़ाने का है हाल ही में अमित पवार ने राजनीति में पिछड़ जाने की बात कही थी। लेकिन बाद में मजाक था, फिर भी उस बात में अफसोस था। अजित पवार ने याद दिलाते हुए बताया था कि एकनाथ शिंदे 2004 में पहली बार विधायक बने थे। बल्कि अजीत पवार खुद 1990 से विधायक है।सिंदे तो भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हे ही फडणवीस भी सीएम रह चुके है लेकिन अजित पवार को कभी डिप्टी सीएम से आगे जाने का मौका नहीं मिला। यह भी बात सच हे की ओ सरकार मै सबसे ज्यादा वक्त तक सीएम बने जरूर रहे हे लेकिन कभी आगे जाने का मोका नही मिला हे अजीत पवार की बातो में से तो लगता ही है लेकिन राजनैतिक सिद्धांतो से भी पता चलता हैअजीत पवार से मुख्य मंत्री की कुर्सी बहुत दूर निकल गई है अब इन्ही सब बातो के बीच अजीत पवार बोलते ही की अगर भारतीय जनता पार्टी ओर शिव सेना से अगर अजीत पवार को मुख्य मंत्री पद का ऑफर होता तो ओ पूरे सिस्टम के साथ पार्टी को अपना सकते थे ऐसा उन्होंने अपने इंटरव्यू में बताया है एनसीपीके बड़े हिस्से के साथ 2023 में अजीत पवार महाराष्ट्र के सत्ताधारी के गठबंधन में शामिल हो गए थे तभी से अजीत पवार सीएम बने बेठे है ।
अजीत पवार महाराष्ट्र मै हो रहे विधान सभा चुनाव से पहले ‘जन सम्मान यात्रा’ पर निकले थे ओर ए सब बातो के चलते अजीत पवार को पूछने पर अजीत पवार ने अपनी बहन के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को लोक सभा चुनाव लडानेका फेसला उनका गलत था उनके किए गए फेसले पर अजीत पवार अफसोस जता रहे थे। अजीत पवार का ए बयान रक्षा बंधन से पहले इमोशनल अत्याचार जैसा लग रहा है।
बारामाती पर पवार का फेसला कितना राजनैतिक है
एनसीपी के नेता अजीत पवार ने लोक सभा चुनाव में चल रहे घर की लड़ाई में अफसोस जताया है लेकिन तुरंत उसके बाद ओ समझाना चाहते थे कि ये फेसला उनका एक तरफा फेसला या उनका कोई निजी फेसला नही था अजीत पवार ने कहा हे की उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार को लोक सभा चुनाव लड़ाने का फेसला एनसीपी संसदीय बोर्ड का भी था। बल्कि ए फेसला एनसीपी बोर्ड ने ही लिया था महाराष्ट्र के बड़े नेता ओर अजीत पवार के चाचा शरद पवार के गठबंधन था अब शरद पवार के बाद मे उनकी बेटी सुप्रिया सुले बारामाती से लोक सभा में प्रतिनिधित्व करती है सुप्रिया सुले शरद पवार की बेटी हे जो उनकी जगह लोक सभा चुनाव मे खड़ी रही है
अपनी बहन के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को लोक सभा चुनाव करानेका मेरा फेसला गलत था।
अजीत पवार से लोगो का सवाल है कि क्या अजीत पवार उनके द्वारा लिया गया फेसला रोक नहीं सकते थे? एनसीपी के मुख्य नेता तो अजीत पवार ही है। मुख्य नेता रहते भी क्या दिक्कत रही होगी जो फैसला बदल ना सके और आज अफसोस जताया जा रहा है या तो ऐसा भी हो सकता है की बीजेपी सरकार या तो एक नाथ सिंदे की शिवसेना भी इसमें शामिल है जिनका अजीत पवार पर ऐसा करने का दबाव था?
ओर अजित पवार के ऊपर ए भी सवाल खड़े हुए हैं की ए बाते अभी क्यू बताई जा रही है? क्या अजीत पवार राखी के दिनों की आड़ में अपनी बहन के रिश्ते से जुड़ी थी इसलिए अजीत पवार राखी के दिनों का इंतजार कर रहे थे?
मीडिया के इंटरव्यू में अजीत पवार ने कहा की मे अपनी सभी बहनों से लगाव है इसलिए मैं अपनी बहन के खिलाफ पत्नी सुनेत्रा पवार को लोक सभा चुनाव करानेका मेरा फेसला गलत था।
अजीत पवार ने ये राजनैतिक बयान भले ही दिया है लेकिन ऐसा कहते वक्त इमोशनल भी दिखाई देते है एक बार तीर छुटने पर तीर दुबारा वापस नहीं आता ऐसा ही अजीत पवार के साथ भी हुवा है। अजीत पवार ने कहा कि मेरा दिल आज भी बता रहा है कि ऐसा नही होना चाहिए था।
बहन और पत्नि के बीच फसे अजीत पवार बता ते है की राज नीति की बाते राजनीति तक है लेकिन आज भी अपनी प्यारी बहन मेरी अपनी हे। आज सभी जगह पर राजनिति चल रही है लेकिन कभी राजनीती को घर में घुसने नहीं देना चाहिए। अजीत पवार लोक सभा चुनाव में मेरी सबसे बड़ी गलती हो गई है।
अजीत पवार अब कुछ भी करले लेकिन चा चा की लड़की सुप्रिया सुले ने हर जगह बाजी मारी हे। सुप्रिया वोट वाले दिन वोट डाल के सीधी अजीत पवार के घर जा कर अजीत पवार की मां से मिली थी।
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